Chhod Aaye Hum Woh Galiyan Lyrics in Hindi
छोड़, आये, हम, वो गलियाँ..
छोड़, आये, हम, वो गलियाँ..
छोड़ आये हम, वो गलियाँ..
छोड़ आये हम, वो गलियाँ..
जहाँ तेरे पैरों के, कँवल गिरा करते थे
हंसे तो दो गालों में, भँवर पड़ा करते थे
जहाँ तेरे पैरों के, कँवल गिरा करते थे
हंसे तो दो गालों में, भँवर पड़ा करते थे
हेऐ तेरी कमर के बल पे, नदी मुडा करती थी
हँसी तेरी सुन सुन के फसल पका करती थी
छोड़ आये हम वो गलियाँ..
छोड़ आये हम वो गलियाँ..
हो ओ जहां तेरी ऐड़ी से, धूप उड़ा करती है
सुना है उस चौखट पे, अब शाम रहा करती है
जहां तेरी ऐड़ी से, धूप उड़ा करती है
सुना है उस चौखट पे, अब शाम रहा करती है
लटों से उलझी लिपटी, एक रात हुआ करती थी
हो ओ कभी कभी ताकीये पे, वो भी मिला करती है
छोड़ आये हम वो गलियाँ..
छोड़ आये हम वो गलियाँ..
दिल दर्द का टुकड़ा है..ऐ..
पत्थर की डली सी है..ऐ..
इक अंधा कुआं है या
इक बंद गली सी है
एक छोटा सा लम्हा है
जो ख़त्म नहीं होता
मैं लाख जलाता हूँ
ये भस्म नहीं होता
ये भस्म नहीं होता
छोड़ आये हम वो गलियाँ.. [वो गलियाँ]
छोड़ आये हम वो गलियाँ..