अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी लिरिक्स (Ali Ke Sath Hai Zahra Ki Shadi Lyrics)
Naat Khwan: Moazzam Ali Mirza
सभी ख़ुश हैं ख़ुदाई भी ख़ुदा भी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
खुशियां मनाओ झूम के गाओ
खुशियां मनाओ झूम के गाओ
लड़का है ख़ुदा के घर का
लड़की है नबी के घर की
वोह अर्ज़ो समा का मालिक
ये मलका बहरोबर की
ज़मीं रकसा
ज़मीं रकसा है रकसा आसमां भी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
ये शादी है, ये शादी है मेरे मौला की शादी है
ये शादी है, ये शादी है मेरे मौला की शादी है
हैदर है कुल्ले ईमां कुल्ले इसमत ज़हरा
उस सर पे वफ़ा का सहरा इस सर पे ह़या का सहरा
वोह शाहज़ादा और ये शाहज़ादी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
वारात चली, वारात चली, वारात चली
वारात चली हैदर की रह़मत के साये साये
वारात के आगे आगे कुरआन क़सीदे गाये
नबी सारे ….
नबी सारे चले बनकर वराती
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
खुशियां मनाओ झूम के गाओ
खुशियां मनाओ झूम के गाओ
कुदरत की त़रफ़ से उनको अब तोहफ़े और मिलेंगे
कल इनके हसीं आंगन में दो असली फूल खिलेंगे
हसीं शजरे जिन्हें देंगे सलामी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
ये शादी है, ये शादी है मेरे मौला की शादी है
ये शादी है, ये शादी है मेरे मौला की शादी है
कैसे हो बयां वोह मंज़र जब खत्म हुईं सब रस्में
कौनैन की हर शै गौहर कहती थी खाकर क़स्मे
मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो ये शादी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
ये शादी है, ये शादी है मेरे मौला की शादी है
ये शादी है, ये शादी है मेरे मौला की शादी है
सभी ख़ुश हैं ख़ुदाई भी ख़ुदा भी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी
अ़ली के साथ है ज़हरा की शादी