कोटि-कोटि नमन हे गुरुजन।।
सेतु हो तुम मेरे मन के,
तमस और ज्योति के मध्य में।
मैं हूँ प्रतिबिम्ब तुम्हारे मन का,
तुम हो मेरे हृदय का दर्पण।
कोटि-कोटि नमन हे गुरुजन।।
जिन से निर्मित है अनुशासन,
जिन से सार्थक है यह जीवन।
समर्पित है उनके चरणो में,
इस रक्त का हर क़तरा, हर कण।
कोटि-कोटि नमन हे गुरुजन।।
तेज से जिनके आज हूँ सक्षम,
प्रताप से जिनके भविष्य उज्जवल।
प्रेरित है उनके चरित्र से,
अंतः करण का हर मन-मन्थन।
कोटि-कोटि नमन हे गुरुजन।।
क्रोध से जिनके, अधम निवारित,
स्नेह से जिनके, मन प्रोत्साहित।
दिशावान उनके कर-कमलों से,
इस ब्रह्माण्ड का हर क्षण, हर कण।
कोटि-कोटि नमन हे गुरुजन।।
कोटि-कोटि नमन हे गुरुजन…
जग में गुरु महान है
गुरु शिक्षा की खान है,
जग में गुरु महान है।
सीख देने वाले भू-तल में,
देवतुल्य इंसान है।।
ज्ञान का अलख जगाते,
अच्छे संस्कार दे जाते हैं।
गुरु का ज्ञान पाकर,
हम खुद को धन्य पाते हैं।।
कुम्हार मिट्टी थाप लगाकर,
देता उसे नई पहचान है।
गुरु शून्यरूपी नादान को,
बनाते उच्च कोटि इंसान है।।
गुरु की महिमा तो,
गाता सारा जहान है।
मिलता ऊँचा शिखर,
गुरु से राष्ट्र निर्माण है।।
गुरु ही साक्षात पारब्रह्म,
ब्रह्मा, विष्णु, महेश।
इनके पथ प्रदर्शन से,
जीवन में न होता क्लेश।।
महामानव गुरु को,
लगाऊँ तिलक चंदन।
नव सृजनकर्ता गुरु का,
करूँ बारम्बार वंदन।।
करूँ बारम्बार वंदन।।
गुरु महिमा
गुरु की महिमा निशि-दिन गाएँ,
हर दम उनको शीश नवाएँ।
जीवन में उजियारा भर लें,
अंधकार को मार भगाएँ।
सत्य मार्ग पर चलना बच्चो,
गुरुदेव हमको सिखलाएँ।
पर्यावरण बिगड़ न पाए,
धरती पर हम वृक्ष लगाएँ।
पानी अमृत है धरती का,
बूँद-बूँद हम रोज बचाएँ।
सिर्फ जिएँ न अपनी खातिर,
काम दूसरों के भी आएँ।
मात, पिता, गुरु, राष्ट्र की सेवा,
यह संकल्प सदा दोहराएँ।
बातें मानें गुरुदेव की,
अपना जीवन सफल बनाएँ।
शिक्षक दिवस पर कविता
गिरते है जब हम, तो उठाते है शिक्षक
जीवन की रह दिखाते है शिक्षक |
अँधेरे यहाँ पर बनकर दीपक,
जीवन को रोशन करते है शिक्षक |
कभी नन्ही आँखों मैं नमी जो होती,
तो अच्छे दोस्त बनकर हमे हसांते है शिक्षक |
झटकती है दुनिया हाथ कभी जब,
तो झटपट हाथ बढ़ाते है शिक्षक |
जीवन डगर है जीवन समर है
जीवन संघर्ष सिखाते है शिक्षक |
देकर अपनी ज्ञान की पूंजी,
हमे योग्य बनाते है शिक्षक |
इस देश और दुनिया के लिये,
एक अच्छा समाज बनाते है शिक्षक |
नहीं हो कही अशांति,
बस यही एक पैगाम फैलते है शिक्षक |
गिरते है जब हम, तो उठाते है शिक्षक ||
Happy Teachers Day Poetry in Hindi
ज्ञान का दीपक वो जलाते हैं,
माता पिता के बाद वो आते हैं।
माता देती हैं हमको जीवन,
पिता करते हैं हमारी सुरक्षा,
लेकिन जो जीवन को सजाते हैं,
वही हमारे शिक्षक कहलाते है।|
शिक्षक बिना न ज्ञान है,
शिक्षक बिना न मान है,
हमारा जीवन सफल बनाते हैं,
ज्ञान का दीपक वो जलाते हैं।|
जीवन संघर्षो से लड़ना शिक्षक हमे बताते हैं।
सत्य न्याय के पथ पे चलना शिक्षक हमे बताते हैं
ज्ञान का दीपक वो जलाते हैं, माता पिता के बाद वो आते हैं।| –Happy Teachers Day
Teachers Day Short Poem from Student
हम स्कूल रोज हैं जाते,
शिक्षक हमको पाठ पढ़ाते,
दिल बच्चों का कोरा कागज,
उस पर ज्ञान अमिट लिखवाते,
जाति-धर्म पर लड़े न कोई,
करना सबसे प्रेम सिखाते |
हमें सफलता कैसे पानी,
कैसे चढ़ना शिखर बताते,
सच तो ये है स्कूलों में,
अच्छा इक इंसान बनाते||
Teachers Day Hindi Poems
सही क्या है, गलत क्या है,
ये सब बताते हैं आप,झूठ क्या है और सच क्या है
ये सब समझाते है आप,
जब सूझता नहीं कुछ भी
राहों को सरल बनाते हैं आप,
जीवन के हर अँधेरे में,
रौशनी दिखाते हैं आप,
बंद हो जाते हैं जब सारे दरवाज़े
नया रास्ता दिखाते हैं आप,
सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं
जीवन जीना सिखाते हैं आप!