Tajdar e Haram Aye Shahenshah e Deen Lyrics
ताजदार-ए-हरम ऐ शहंशाह-ए-दीं
तुम पे हर दम करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम
हो निगाहेन करम मुझ पे सुल्तान-ए-दीं
तुम पे हर दम करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम
कोई हुस्न-ए-अमल पास मेरे नहीं
फँस न जाऊँ क़ियामत में मौला कहीं
ऐ शफ़ी-ए-उमम लाज रखना तुम्हीं
तुम पे हर दम करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम
मौत के वक़्त कर दो निगाह-ए-करम
काश इस शान से ये निकल जाए दम
संग-ए-दर पर तुम्हारे हो मेरी जबीं
तुम पे हर दम करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम
दूर रह कर न दम टूट जाए कहीं
काश तयबा में ऐ मेरे माह-ए-मुबीं !
दफ़्न होने को मिल जाए दो गज़ ज़मीं
तुम पे हर दम करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम
अब बुला लो मदीने में अत्तार को
अपने क़दमों में रख लो गुनहगार को
कोई इस के सिवा आरज़ू ही नहीं
तुम पे हर दम करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम
ताजदार-ए-हरम ऐ शहंशाह-ए-दीं
तुम पे हर दम करोड़ों दुरूद-ओ-सलाम