उज्जैन के राजा कभी किरपा नजरिया दुखिया पे डालना रे लिरिक्स
अकाल मृत्यु वो मरे,
जो काम करे चांडाल का,
और काल उसका क्या बिगाड़े,
जो भगत हो महाकाल का ।
उज्जैन के राजा कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पे डालना रे,
उज्जैन के राजा कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पे डालना रे,
राजा महाराजा कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पे डालना रे ।
पार्वती पति शिवजी है प्यारे,
कैलाश पर मेरे भोले बिराजे,
मेरे भोले बिराजे,
मनकामेश्वर बाबा मन की मुरादे,
महाकालेश्वर बाबा मन की मुरादे,
झोली में डालना रे,
उज्जैन के राजा कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पे डालना रे ।
नैनो में ज्वाला आँखो में ज्वाला,
जटा में गंगा पहने मृगछाला,
भोले पहने मृगछाला,
खुलती है जब उनकी तीसरी वो अँखियाँ,
खुलती है जब उनकी तीसरी वो अँखियाँ,
तांडव कर डालना रे,
उज्जैन के राजा कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पे डालना रे ।
पीते है प्याले भर भर के भंगिया,
लगाए दम भोले दिन और रतियाँ,
भोले दिन और रतियाँ,
बाबा तेरा भगत हूँ मैं बहुत दीवाना,
किशन भगत है बाबा तेरा दीवाना,
किरपा कर डालना रे,
उज्जैन के राजा कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पे डालना रे ।
उज्जैन के राजा कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पे डालना रे,
उज्जैन के राजा कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पे डालना रे,
राजा महाराजा कभी किरपा नजरिया,
दुखिया पे डालना रे ।